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प्रश्न) विहित काल का विस्तार या  विलंब की माफी से आप क्या समझते है? धारा 5 के अंतर्गत पर्याप्त कारण पदावली का अर्थ समझाइये।
उत्तर) अधिनियम की धारा 5 मे विहित काल का विस्तार या विलंब की माफी का प्रावधान किया गया है। इसमें कतिपय दशाओं में विहित काल का विस्तार या विलंब की माफी के बारे में प्रावधान किया गया है। इसमें यह कहा गया है कि
“कोई भी अपील या कोई भी आवेदन जो सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के उपबंधो मे से किसी के अधीन आवेदन से भिन्न हो, विहित काल के पश्चात ग्रहण किया जा सकेगा यदि अपीलार्थी या आवेदक न्यायालय का यह समाधान कर दें कि उसके पास ऐसे काल के भीतर अपील का आवेदन ना करने के लिए पर्याप्त हेतुक था।“
इस प्रकार धारा 5 पर्याप्त कारण होने पर विलंब को माफ करते हुए किसी अपील या आवेदन को ग्रहण करने के बारे में उपबंध करती हैं।
धारा 5 के उपबंध वादों पर लागू नहीं होते हैं। अभिप्राय यह हुआ कि वाद संस्थित करने में हुए विलम्ब को धारा 5 के अंतर्गत माफ नहीं किया जा सकता है। यह धारा केवल अपीलो एवं आवेदनों पर लागू होती है यदि उनके प्रस्तुतीकरण में हुए विलंब का पर्याप्त कारण विद्यमान हो।
चीफ पोस्टमास्टर जनरल बनाम लिविंग मीडिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ए0 आई0 आर0 2012 एस0 सी0 1506 के वाद में उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि विलंब को माफ करना एक अपवाद अर्थात आपवादिक व्यवस्था है। विलंब का पर्याप्त एवम ठोस कारण होने पर ही विलंब को माफ किया जाना चाहिए।
पर्याप्त कारण
विलंब की माफी के लिए पर्याप्त कारण क्या होगा यह प्रत्येक मामले की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। श्रीमति तारावंति बनाम स्टेट आफ हरियाणा, ए0 आइ0 आर0 1995 पंजाब एण्ड हरियाणा 32 के वाद मे पंजाब एण्ड हरियाणा उच्च न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि पर्याप्त कारण कि कसौटी यह है कि विलम्ब का कारण ऐसा हो जो पक्षकार के नियंत्रण के बाहर रहा हो।   
पर्याप्त कारण की तीन प्रमुख शर्ते हैं
क)   कारण ऐसा होना चाहिए जो पक्षकार के नियंत्रण के बाहर हो।
ख)   पक्षकार उपेक्षा अथवा लापरवाही का दोषी नहीं होना चाहिए,
ग)    उसका आशय सद्भाव पूर्ण होना चाहिए।
   
 पर्याप्त कारण के निम्नलिखित आधार माने गए हैं जैसे
1)    पक्षकार का पर्दा नशीन महिला होना
2)    पक्षकार का कारावासित होना, बीमारी अर्थात अस्वस्थता होन,
3)    न्यायालय के कर्मचारियों की त्रुटि
4)    तथ्य की भूल
5)    अधिवक्ता की भुला आदि
 लेकिन निम्नांकित को पर्याप्त कारण का आधार नहीं माना गया
1)    निर्धनता,
2)    विधि की भूल,
3)    अधिवक्ता की अन्य न्यायालय में व्यस्तता आदि
 Dr Nupur Goel
Assistant Professor
Shri ji institute of legal vocational education and research
( SILVER law collage )
Barkapur Bareilly
Email – nupuradv@gmail.com 

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